Saturday, September 14, 2013

A campirision of thought.

MD JAWED AKBAR

एक बुराई करने वाले इन्सान की तुलना उस मक्खी से है जो पुरे शरीर को छोड़ कर घाव पर बैठती है।

मंजिल मिल ही जाएगी भटकते ही सही , गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।  

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