MD JAWED AKBAR
एक बुराई करने वाले इन्सान की तुलना उस मक्खी से है जो पुरे शरीर को छोड़ कर घाव पर बैठती है।
मंजिल मिल ही जाएगी भटकते ही सही , गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।
एक बुराई करने वाले इन्सान की तुलना उस मक्खी से है जो पुरे शरीर को छोड़ कर घाव पर बैठती है।
मंजिल मिल ही जाएगी भटकते ही सही , गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।
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